Monday 6 May 2019

पीएम मोदी की वो खूबियाँ, जो उन्हें बाकि नेताओं से अलग बनाती है


     प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक साधारण परिवार में जन्म लेकर देश के शीर्षस्थ पद तक पहुंचे। इस लंबी यात्रा में उन्होंने लगातार अपने व्यक्तित्व को प्रखर बनाने का कार्य किया । पद, जिम्मेदारी व कर्तव्य के अनुरूप अपनी पात्रता विकसित की। नेतृत्व व भाषण कला में महारथ हासिल की । जिसकी बदौलत वे भारत के दमदार व दुनिया के लोकप्रिय नेताओं में गिने जाते है। ये दोनों कला उन्होंने समय के साथ सीखी। आरएसएस के सक्रिय सदस्य के रूप में पहली बार मोदी ने सार्वजनिक जीवन में  कदम रखा। संघ की शाखा व कार्यकर्ताओं के साथ रहकर उन्होंने अनुशासन को सदा के लिए अपना लिया। 1986 में तत्कालीन सरसंघचालक मधुकर दत्तात्रय देवरस के कहने पर भाजपा में शामिल हुए। गुजरात, हिमाचल सहित कई प्रदेशों  में पार्टी में विभिन्न पदों पर कार्य किया। जहां भी कार्य किया, वहां अपनी संगठनात्मक कौशल क्षमता का प्रदर्शन करते हुए उन्होंने पार्टी का जनाधार बढ़ाया।

     2001 में गुजरात में भाजपा सरकार पर खराब शासन व भ्रष्टाचार के लग रहे आरोपों के बीच विधानसभा उपचुनाव हुए। जिसमें भाजपा की हार हुई। केंद्रीय नेतृत्व ने प्रदेश में भाजपा सरकार के प्रति जनता के विश्वास को बरकरार रखने के लिए मोदी को प्रदेश की कमान सौंपी। जिसके बाद मोदी ने अपनी नेतृत्व क्षमता के बल पर गुजरात को बीमारू राज्य से विकसित राज्य की श्रेणी में खड़ा किया। राज्य में अजेय रहते हुए लगातार 4 बार मुख्यमंत्री बने। सीएम कार्यकाल के 13 साल में कड़ी मेहनत से उन्होंने 2002 गुजरात दंगों में बनी अपनी हिंदुत्ववादी छवि को विकासपुरूष में बदला। 2013 में एनडीए ने उन्हें पीएम पद का उम्मीदवार घोषित किया। 6 महीने के समय में 600 से अधिक ताबड़तोड़ रैलियां की। पूरे देश का दौरा किया। आकर्षक भाषणों से जनता को मंत्रमुग्ध कर उन्होंने भाजपा को 282 सीटे दिलाई। और देश के पीएम बने।

    प्रधानमंत्री के रूप में उन्होंने देश के अंदर जीएसटी लागू कर आर्थिक क्रांति की। आयुष्मान भारत, जनधन, प्रधानमंत्री कौशल विकास सहित अनेक योजनाओं से गरीबों व जरूरमंदों की सहायता की। जनरल कैटेगरी के गरीबों को 10 फीसदी आरक्षण देने का एतिहासिक निर्णय लिया। आतंकवाद पर कड़ा रूख अख्तियार किया। सर्जिकल स्ट्राइक व एयर स्ट्राइक जैसे साहसी कदम उठाने की सेना को अनुमति दी। विश्व मंच पर पाक की नापाक हरकतों का पर्दाफाश किया। मोदी ने अंतराष्ट्रीय फलक पर भारत की ताकत को बढ़ाया। जलवायु परिवर्तन को नियंत्रित करने के लिए अंतराष्ट्रीय सौर एलायंस का गठन किया। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाना शुरू कराया। 

       विश्व के दिग्गज नेताओं ने मोदी के सफल नेतृत्व का लोहा माना। ओबामा, ट्रंप, पुतिन, जिनपिंग, नेतन्याहू, मार्कल जैसे दुनिया के प्रमुख देशों के पंथ प्रधानों ने मोदी की जमकर तारीफ की। इस प्रकार मोदी ने बीते 5 सालों में भारत का सफल नेतृत्व किया। जनता से सीधे संवाद बनाए रखने के लिए कई नये प्रयोग किये। प्रत्येक महीने के अंतिम रविवार को रेडियों पर ‘मन की बात’ कार्यक्रम शुरू किया। देश के अलग-अलग हिस्सों में जाकर विभिन्न योजनाओं को लाँच किया। सोशल मीडिया पर लगातार सक्रिय रहकर सरकार के कामकाज की जानकारी दी। 


      पीएम ने अपने कार्यकाल में प्रत्येक 3 दिन में लगभग 2 स्पीच दी। मोदी की भाषण कला की खूबियां, उन्हें बाकी नेताओं से अलग बनाती है। वे जहां जाते हैं, वहीं के रंग में रंग जाते है। चाहे वह स्थानीय वेषभूषा हो या भाषा। लोगों का दिल जीतने या फिर उस संस्कृति का सम्मान करने भाषण की शुरूआत स्थानीय भाषा-बोली में करते है। पहनावा भी उसी संस्कृति का धारण करते है। वहां के प्रसिद्ध कवि, संत, लेखक व महापुरूष के प्रति सम्मान प्रकट करते है। इस वजह से लोग उन्हें अपना मानने लगते हैं। 

      भाषण में परपंरागत तरीके से हटकर दोतरफा संवाद करते है। भीड़ से ‘‘होना चाहिए कि नहीं, हुआ कि नहीं’’ जैसे सवाल पूछकर उनकी प्रतिक्रिया लेते है। जिससे रैली में मौजूद लोगों का उत्साह और अधिक बढ़ जाता है। सरकार की योजनाओं को बेहद सरल ढंग से प्रस्तुत करते है। जरूरत पड़ने पर उदाहरण, कहानी, कविता, श्लोक आदि का प्रयोग करते है। विपक्ष पर तीखे वार करते है, अधिकतर विरोधियों का नाम लिए बगैर उन्हें चारों खाने चित करते है। बेहतरीन शब्दों का चयन करते है। अपने को जमीन से जुड़ा साधारण आदमी बताने से नहीं चूकते है। मन, वचन व कर्म में एकरूपता लाकर व्यक्तित्व को नयी धार देते हैं ।

3 comments:

  1. बहुत खूब 👌 A1+ 🙏

    ReplyDelete
  2. धन्यवाद कविराज

    ReplyDelete
  3. कम शब्दों में पूरी जानकारी 👏👏🙏🙏

    ReplyDelete